बुखार क्या है ? | बुखार क्यों आता हैं | What is Fever? In Hindi

हम  सब जानते हैं कि बुखार क्या चीज़ हैं तो इससे पहले कि आप दवाई की तरफ जाए उससे पहले जान लेते हैं कि बुखार क्या हैं और ये क्यों होता हैं




आइए जानते हैं :

बाहर का तापमान चाहे जो भी हो लेकिन हमारे शरीर के भीतर का तापमान स्थिर ही रहता हैं हमारे शरीर के भीतर का  तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता हैं लेकिन कभी-कभी हमारे  शरीर के भीतर का तापमान बहुत बढ़ जाता हैं हमें ठंड लगने लगती हैं कंपकंपी होती हैं और हम बीमार महसूस करते हैं ज़्यादातर समय होने वाले बुखार संक्रामण(infection) से ही होता हैं लेकिन कैंसर हीट स्ट्रोक ऐसी अलग-अलग बीमारियाँ भी हैं जिनमे हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता हैं

इस ब्लॉग मे हम उन बीमारियों के बारे मे बात नही करेंगे |



तो जब भी हमें लगता हैं कि हमें बुखार आ गया हैं तो हम थर्मामीटर का इस्तेमाल करते हैं थर्मामीटर ऐसा साधन हैं जिसके जरिए हम ये जान सकते हैं कि हमारे शरीर के भीतर का तापमान क्या हैं अगर हम पूरे दिन मे देखें तो 1 डिग्री ऊपर-नीचे ये तापमान घटता-बढ़ता रहता हैं

तो बुखार वो स्थिति हैं जिसमे हमारे शरीर का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस और 100 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा बढ़ जाता हैं लेकिन अब आप ये सोच रहे होंगे कि हमारे शरीर का तापमान बढ़ क्यों जाता हैं

कई लोगो को लगता हैं कि बुखार एक बीमारी हैं पर ऐसा नही हैं बुखार एक बीमारी का लक्षण होता हैं और असल मे बुखार हमारे शरीर का  एक तरीका हैं हमारी मदद करने का अब आप सोच रहे होंगे कैसे ??

 

आइये जानते हैं

इस सवाल का जबाव कि बुखार क्यों होता हैं शुरू होता हैं हमारे शरीर की  रोग प्रतिरोधक शक्ति(immunity) से इम्यूनिटी हमारे शरीर की वो क्षमता हैं जिसके द्वारा हमारा शरीर हमें रोगो से बचता हैं रोग पैदा करने वाले जीव जिन्हे हम पैथोजिंस(pathogens) भी कहते हैं उनसे लड़कर हमारे इम्यून सेल्स(immune cells) हमें बीमार होने से बचते हैं

दरअसल, शरीर का तापमान बढ़ाना हमारे शरीर एक का तरीका हैं इन पैथोजिंस से लड़ने का बहुत से बैक्टीरिया वाइरस इस तापमान को सह नही पाते हैं और ये बढ़ता तापमान उनके  लिए हानिकारक होता हैं एक नए रिसर्च के मुताबिक ये भी जाना गया हैं की शरीर का तापमान बढ़ने से हमारे शरीर के इम्यून सेल्स (immune cells) जो रोगो स लड़ने मे हमारी मदद करते हैं वो और मात्रा मे बढ़ जाते हैं तो खोज चाहे नयी हो या पुरानी ये तो पक्का हैं कि बुखार हमारे शरीर का एक तरीका हैं बीमारी से लड़ने का, ज़्यादातर बुखार 2-4 दिन तक ही चलता हैं क्योंकि बुखार के जरिए हमें पसीना आता हैं | हमारे शरीर का बहुत-सा पानी खत्म हो जाता हैं इसलिए हमें कहा जाता हैं कि हमें बुखार के समय पानी अच्छे से पीना चाहिए और हमें आराम करना चाहिए ज़्यादातर समय बुखार मे दवाई लेने कि जरूरत नही होती हैं पर ऐसे बहुत से लोग हैं जो बुखार आने से पहले ही थोड़ा सा सिर दर्द हो या थोड़ा सा बुखार आने ही लगे तो पैरासेटामॉल (paracetamol) या क्रोसिन (crocin) इस तरह कि दवाइयाँ लेने लगते हैं इन दवाइयों के अपने दुष्प्रभाव हैं और रोज-रोज इनको लेना ठीक नही हैं अगर आपका बुखार बहुत बढ़ गया हैं और आप ज्यादा बीमार हो गए हैं तो बेहतर तो यही होता हैं कि आप डॉक्टर के पास जाए और आपको डॉक्टर दवाई लेने के लिए क़हता तभी आप लें |


तो इस पूरे ब्लॉग मे हमने ये जाना कि वो बुखार जिसको हम अपने लिए खराब समझते हैं हानिकारक समझते हैं वो हमारे लिए फायदेमंद ही हैं और हमारे शरीर कि जो क्षमता हैं रोगो से लड़ने की उसी की वजह से ये बुखार आता हैं कितनी अजीब बात हैं जिस चीज को हम इतना खराब समझते हैं वही बुखार हमारे शरीर के कितना फायदेमंद हैं और हमारी मदद करता हैं |  


मैं आशा करता हूँ कि  आपको बुखार से संबन्धित हमारी ये जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे share करें और इसके बारे में आपकी क्या राय हैं  हमे comment बॉक्स में जरूर बताए |

 शुक्रिया दोस्तो  


 

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