विजय शेखर शर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़ के गाँव विजयगढ़ में 8 जुलाई 1978 को हुआ था | इनके पिता स्व॰ सुलोम प्रकाश शर्मा एक स्कूल टीचर थे और उनकी माँ एक गृहणी थी | वो एक बेहद अनुशासन वाले परिवार में पले-बढ़े |
उनके पिता काफी ईमानदार इंसान
थे इस बात से आप अंदाज़ा लगा
सकते हैं कि वो ट्यूशन को अनैतिक मानते थे उन्होंने शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के
लिए काफी प्रयास किया |
विजय शेखर शर्मा शुरू से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे | 9वी क्लास मे जब वो second आए तो उनके पिता को शक हुआ कि विजय शेखर सही मे Second आए हैं या उनके मित्रो ने मित्रता भाव के कारण, विजय को Second कर दिया गया हैं |
उनके पिता ने इस बारे मे पता
किया तो कुछ अलग ही बात पता चली | विजय शेखर के टीचर ने किसी और बच्चे को First करने के लिए विजय शेखर को Second कर दिया था उनके पिता को यह बात अच्छी नही लगी | उसके बाद उनके पिता ने यह निर्णय किया, कि विजय शेखर अब यहाँ नही पढ़ाएंगे |
वे 10वी की पढ़ाई के लिए विजय
शेखर को अपने साथ हरदुआगंज (अलीगढ़ से 10 km दूर) ले गए | और वही D॰A॰V स्कूल मे एडमिशन करा दिया | उस समय उनके पिता उसी स्कूल में टीचर भी थे और वही से
वे प्रधानाचार्य के पद से retried भी हुए |
बचपन के दिनों मे विजय शेखर बहुत अंतरमुखी थे, और कई बार कोई मेहमान घर आता था, तो वह घर के अंदर चले जाते थे और जब कोई घर आता था तो
माँ कहती थी कि “हमारे घर में एक बहू भी हैं जो
अंदर चली गयी होंगी अभी उसको बुला कर लाओ”
विजय शेखर पढ़ने मे काफी मेधावी छात्र थे और इस बात से आप अंदाज़ा लगा सकते हो कि 14 साल कि उम्र मे ही उन्होने 12वी पास कर ली थी |
दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग मे
47वी रैंक (47th rank in delhi College of
Engineering)
जब Vijay Shekhar ने 12वी की, उस समय उनकी उम्र 15 साल थी जिसकी वजह से वे engineering का फॉर्म नही भर सके | लेकिन Aligarh University मे उम्र की बाध्यता नहीं थी | वहाँ उन्होने ने फॉर्म भरा और Entrance test clear भी कर लिया, लेकिन Interview में वे फेल हो गए |
उसके बाद वे 1 साल engineering entrance exam की तैयारी में जुट गए और दोबारा Exam दिया उनका सिलेक्शन Delhi college of engineering में हो गया | Vijay shekhar ने उस Exam में 47वी रैंक प्राप्त की थी |
जब अंग्रेजी चुनौती बन गई (When English became the challenge)
विजय शेखर बचपन से हिन्दी मीडियम से पढे थे, जिसकी वजह से उनकी इंग्लिश अच्छी नहीं होने के कारण
उन्हे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा |
उन्हे क्लास में आगे बैठने की
आदत थी तो वे यहाँ भी आगे बैठने लगे | लेकिन यहाँ जब टीचर उनसे सवाल पुछते तो उन्हे समझ में
नही आता | जिस वजह से
वो क्लास के पीछे बैठने लगे |
उन्हे डर लगता था की कहीं कोई
प्रोफेसर इंग्लिश में कोई सवाल न पूछ ले | जिसके कारण धीरे-धीरे वो क्लास में आना ही बंद कर दिया
इसकी वजह से वो हतोत्साहित भी होने लगे | हालांकि इस दौरान वो भटके नही, वो डटे रहे |
उन्होने इंग्लिश सीखने के लिए
एक अनोखा तरीका अपनाया वो एक ही book को हिन्दी और English भाषा में खरीदते और दोनों book को एक साथ खोलकर समझते | इसके साथ-साथ वे इंग्लिश मैगनीज और अखबार पढ़ना शुरू कर
दिया और अपने इंग्लिश को सुधारा |
इसके साथ-साथ वे किताब पढ़ कर और Stanford
College के कुछ Genius लोगो को फॉलो करते हुए, Coding सीखना शुरू कर दिया | कॉलेज में ही विजय शेखर ने अपनी पहली कंपनी एक्सएस कम्युनिकेशन(Xs communications) बनाई |
उन्होने खुद का एक Content Management System बनाया जिसे वह अपने हॉस्टल के कमरे से चलाते थे | जिसे बाद में The Indian Express के अलावा बड़े-बड़े newspaper ने use करना शुरू कर दिया था |
इंटरनेट और कंप्यूटर के प्रति विजय शेखर की दिलचस्पी बढ़ने लगी (Vijay Shekhar’s interest towaeds Internet and computer started growing )
जब वे English
magazine पढ़ना शुरू किया तो उनको बड़े-बड़े Business
man के बारे में जानने को मिला | उन्हे Bill Gates और Silicon valley के बारे में पता चला |
विजय शेखर Hotmail के संस्थापक Sabeer Bhatia और Yahoo के संस्थापक Jerry Yang एंव David Filo से प्रभावित होकर, वे इंटरनेट की दुनिया मैन बड़ा कुछ करना चाहते थे | वे अमेरिका जाने की सोचने लगे लेकिन वहाँ जाने के लिए
लिए उनके पास पैसे नही थे
फिर उन्होने Noida में एक अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी River run जॉइन कर ली | लेकिन 6 महीने बाद ही उन्होने नौकरी छोड़ दी |
Indiasite॰net नामक एक पोर्टल डिजाइन किया (Sharma Designed a portal Indiasite॰net)
1997 में,विजय शेखर ने अपने दोस्त Takhar के साथ मिलकर Indiasite॰net नामक एक पोर्टल डिजाइन किया | वे कंपनी के साथ Interview देने जाते और सिलेक्शन हो जाने के बाद वो कंपनी से
बोलते कि हमे छोटे-छोटे प्रोजेक्ट दे दो |
कुछ कंपनी तो मना कर देती | लेकिन धीरे-धीरे छोटे प्रोजेक्ट मिलने लगे | इसके बाद इनको ये सब पसंद नही आया इसके बाद इन्होने कंपनी की शुरुवात की |
One97 कंपनी की शुरुवात (one97 Company)
विजय शेखर को नौकरी करना पसंद नही आया और उन्होने नौकरी छोड़ दी | उन्होने घर पर बोला कि वे कंपनी खोलना चाहते हैं, लेकिन घर वाले चाहते थे कि वे जॉब ही करे | विजय शेखर ने अपनी माँ को इस बात पर राजी कर लिया कि वे केवल 2 साल ही जॉब करेंगे |
One97 की शुरुवात
की कहानी काफी दिलचस्प हैं | साल 2000, उस समय मोबाइल फोन की शुरुवात ही हुई थी | विजय शेखर उस समय में Startec नाम की कंपनी में काम कर रहे थे जो Airtel के लिए सॉफ्टवेअर बनाने का काम करती थी |
विजय शेखर ने Airtel के लिए एक फोन Directory बनाई थी और उसी आधार पर बाद में उन्होने One97 नाम से एक सॉफ्टवेअर बनाया |
विजय शेखर ने सॉफ्टवेअर को Sunil Bharati Mittal(Airtel,CEO) के सामने रखा | वे विजय शेखर से इम्प्रेस हुये और उन्होने विजय शेखर को Airtel की एक value added services ज्योतिष(Astrology) दे दी, और कहा इसके बदले में तुम अपनी सर्विसेस देते रहो |
एक वक्त ऐसा भी आया जब वह
हॉस्टल में रहने लगे | और पैसा
बचाने के लिए वो कभी-कभी पैदल भी चलना पड़ता | अपने स्टाफ की सैलरी चुकाने के उन्हे loan भी लेना पड़ा | इस तरह वो जीवन से संघर्ष करते रहे | लेकिन हार नही मानी |
Paytm की स्थापना(Paytm Installation)
विजय शेखर ने देखा कि टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चचर काफी ग्रो कर रहा हैं और लोगो का मोबाइल फोन में काफी दिलचप्पी भी बढ़ी रही हैं, तो उन्हे Cashless Transaction का आइडिया आया |
उन्होने One97 के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सामने इसका प्रस्ताव रखा
लेकिन उन्होने प्रस्ताव को इस लिए मना कर दिया क्योकि उस समय सबके पास स्मार्ट फोन
नही थे |
लोग cash में ही Transaction ज्यादा करते थे और उनके लिए यह एक नया मार्केट था | वो जोखिम नही लेना चाहते थे |
Vijay Shekhar का यह मानना था, कोई भी नयी चीज करने में जोखिम तो होता ही हैं लेकिन
इसका यह मतलब नही कि हम जोखिम ही न ले |
विजय शेखर अपने इस सपने को साकार करने के लिए अपने personal equity के 1% शेयर बेचकर $ 2 मिलियन इकठ्ठा किया और अगस्त 2010 में Paytm कि स्थापना कर दी
विजय शेखर शर्मा व्यक्तिगत जीवन (Vijay Shekhar Sharma Personal Life)
विजय शेखर ने साल 2005 में Mirdula Sharma से शादी कर ली | उनका एक लड़का भी हैं जिसका नाम Vivaan Sharma हैं विजय शेखर ने दिल्ली के गोल्फ लिंक्स में एक बंगला, 82 करोड़ में खरीदा हैं जो देश के काफी महंगे इलाको में से एक हैं |
पुरस्कार एंव उपलब्धि (Achievement)
- 2015 में SABAR अवार्ड्स, द्धारा "सीईओ ऑफ द ईयर" चुना गया |
- 2016 में द इकोनॉमिक टाइम्स द्धारा, "एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर" चुना गया |
- 2016 में Exchange4media Group द्धारा "इंपैक्ट person ऑफ द ईयर" चुना गया |
- वर्ष 2016 में मानद डॉक्टरेट की उपाधि ऐमिटी यूनिवर्सिटी द्धारा दिया गया |
- इंडिया टुडे पत्रिका ने उन्हे 2017 के भारत के 50 सबसे शक्तिशाली लोगों में 18वां स्थान दिया |
- जीक्यू इंडिया ने उन्हे 2017 के लिए 50 सबसे प्रभावशाली युवा भारतीयों में शामिल किया हैं |
मैं आशा करता हूँ की Paytm Founder Vijay Shekhar Sharma Biography आपको जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी |
अगर आपको जानकारी अच्छी लगी हो तो हमे comment बॉक्स में जरूर बताए |
शुक्रिया दोस्तो
1 टिप्पणियाँ
Thnx Keep Support
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